भारत वर्ष पिछले 800 वर्षो से एक गुलाम देश की तरह रहा हैं, यहाँ की मौलिक सभ्यता, संस्कृति और भाषा को विभिन्न आक्रमणकारियो ने अपनी सुविधा अनुसार रौंदा हैं। स्वतन्त्रता प्राप्ति के बाद कुछ उदारवादी सोच और पश्चिमी जगत की तुष्टीकरण की नीति से प्रभावित राजनीतिको ने कुछ इस तरह की नीतियो का निर्माण किया कि जिससे हम अपने उस गुलामी के इतिहास के पन्नो को कभी भी उस सच्चाई से ना देख पाये बल्कि उनही के बनाए सेकुलर चश्मे से देखे।।
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