Saturday, June 25, 2016

दूषित हिन्दी : अरबी फारसी तुर्की उर्दू शब्दो से शुद्दिकरण ( Arabi - farasi - turkey words in Hindi)

    "शुद्धि या PURGE, एक शब्द हैं जो पूर्णत: "सफाई" के लिए प्रयोग होता हैं, आज जब हम विकास के पथ पर खड़े हैं तो हमे अपनी भारतीय संस्कृति में लग गयी "गंदगी की सफाई "की आवश्यकता हैं। यह शुद्धि कई जगह और कई प्रकार से होनी हैं, हमारे धर्म की शुद्धि, मंदिरो की शुद्धि, कुरीतियो से शुद्धि, इत्यादि, नीचे मैं एक और प्रकार की शुद्धि दे रहा हूँ, जिससे लगभग हर भारतीय परिचित होगा।
भाइयो बहुत परिश्रम से मैंने अपनी हिन्दी भाषा से अरबी/फारसी/तुर्की शब्द छांट छांट कर निकाले हैं, साथ ही साथ इन सारे शब्दो के हिन्दी और संस्कृत पर्याय भी दिये हैं। मेरा आप से अनुरोध हैं की हिन्दी की शुद्धिकरण करने हेतु इन बाहरी शब्दो को अपनी भाषा से निकाल फेंके, और इसके साथ साथ ही भारत की अन्य क्षेत्रीय भाषाये जैसे तेलगु, कन्नड, तमिल, बंगाली, गुजरती, मराठी, पंजाबी आदि के शब्द भी प्रयोग में लाये। इस तरह आप अपने देश को दो तरह से लाभ पहुचाएंगे,
क> भारत की अपनी भाषा संस्कृत, हिन्दी और अन्य क्षेत्रीय भाषाओ का उद्धार होगा और उनका रुका हुआ विकास आगे चल पड़ेगा,
ख> भारत के विभिन्न क्षेत्रो के लोग एक दूसरे की भाषाओ को भी समझ सकेंगे और संगठित भारत के निर्माण के भागी बेनेगे
ग> जब भारतीयो में यह भाव आयेगा की हमे दूसरो की भाषा बोलने की कतई आवश्यकता नहीं अपितु हमारी अपनी भाषा अपने आप में सम्पूर्ण हैं, तब यह हमारे स्वाभिमान को जगाएगा। हम अपने पूर्वजो की भाषा संस्कृत को बढ़ावा भी देंगे।"
   
    क्या आप जानते हैं, की जो हिन्दी आप बोलते हैं उसमे 50-60 प्रतिशत तक तुर्की, अरबी और फारसी मूल के शब्द हैं। हो गए ना चकित। लेकिन अभी भी हमारे बीच कुछ ऐसे लिबरल ख्याल के लोग मौजूद होंगे जो बोलेंगे होने दे यार, हमे क्या? इससे कोई फर्क पड़ता हैं क्या? क्या हम शुद्ध हिन्दी बोलने से अमीर हो जाएंगे। तू बहुत कट्टर हो रहा हैं, रहने दे। मैं बोलता हूँ कि हाँ फर्क पड़ता हैं भाई..... अगर हमारे लोग कट्टर ना होते तो ना तुम और ना मैं आज यूं हिन्दू-अरबी कर रहे होते सबके सब अरब हो गए होते और हमारी संस्कृति धर्म, और भाषा हड़प्पा और मोहेंजोदारों की तरह खण्डहरों में कहीं खो गयी होती। तुम्हें शायद इतिहास की समझ नहीं लेकिन यह सुन लो कि अरबी लोग भारत से लेकर, मोरक्को तक जहां भी गए वहाँ कि क्षेत्रीय सभ्यता और संकृति को नष्ट करके केवल इस्लाम और अरबी, फारसी चला दी। यहाँ तक कि इंडोनेशिया में भी अरबी भाषा का बड़ा प्रभाव हैं। यह बात आप पाकिस्तान में देख सकते हैं। वो तो यह समझ लीजिए कि हमारे पूर्वज भी कट्टर थे इसलिए हिन्दी, संस्कृत की बोलियाँ एवं भाषा रह गयी हैं, नहीं तो सब कब के खत्म हो जाते । वो कट्टर थे तभी हिन्दी हैं नहीं तो आप और हम कब की अरबी या फारसी बोल रहे होते।  आखिर फ़ारसी लगभग 700-800 वर्षो तक इस्लामिक राज्यो की राजभाषा रही हैं। और वैसे भी संस्कृत-हिन्दी भाषा अपने आप में सम्पूर्ण हैं,  तो फिर तुर्की-फ़ारसी-अरबी कि हमे क्या ज़रूरत हैं? क्या चंगेज़ खान या तैमुरलंग हमारा कोई रिश्तेदार था जो हम उसे श्रद्धांजलि देने के लिए तुर्की या फारसी बोलेंगे। और फिर हमे संस्कृत और अन्य भारतियाओ भाषाओ का भी तो विकास करना हैं, जब हम अपनी भाषा बोलेंगे ही नहीं तो नए शब्दो का सृजन कैसे होगा और कैसे भाषा की अभिवृद्धि होगी?
   

    Words (ENGLISH) -Origin-Meaning (India)
1    अंगूर (ANGOOR)  - फारसी - द्राक्षी (Grapes)
2    अंदर (ANDAR)  - फारसी - भीतर (Inside)
3    अक्ल (AQL)  - अरबी - बुद्धि (intelligence)
4    अक्सर (AKSAR)  - फारसी - प्राय, बार-बार (often)
5    अखबार (AKHBAR)  - अरबी - समाचार पत्र (News Paper)
6    अगर (AGAR)  - फारसी - यदि (if)
7    अजब (AJAB)  - अरबी - आश्चर्य (wonderful)
8    अजायब (AJAYAB)  - अरबी - विचित्र, आश्चर्यजनक (incredible)
9    अज़ीज़ (AZIZ)  - फारसी - प्रिय (adorable, dear)
10    अजीब (AJEEB)  - अरबी - विचित्र (weird)
11    अदब (ADAB)  - अरबी - शालीनता (modesty)
12    अदा (ADA)  - तुर्की - चुकाना (Pay)
13    अदाब  (ADAAB)  - अरबी - प्रणाम (Namaskar)
14    अदालत (ADALAT)  - फारसी - न्यायालय (Court)
15    अफसोस (AFSOS)  - फारसी - शोक
16    अमानत (AMANAT)  - तुर्की - धरोहर
17    अमीर (AMIR)  - फारसी - धनवान, धनिक
18    अर्ज़ (ARZ)  - फारसी - प्रस्तुत
19    अलबत्ता (ALBATTA)  - फारसी - अलावा
20    अलबेला (ALBELA)  - फारसी - अनोखा
21    अलविदा (ALVIDA)  - तुर्की - -----
22    असल (ASAL)  - फारसी - मूल, वस्तुत:
23    असली (ASALI)  - फारसी - विशुद्ध
24    आइंदा (AAAINDA)  - फारसी - भविष्य में
25    आईना (AINA)  - अरबी - आरसी
26    आखिर (AAKHIR)  - अरबी - अंतत:
27    आजम (AAZAM)  - अरबी - महत, विपुल, उत्कृष्ट
28    आजमाइश (AAZMAISH)  - फारसी - परीक्षा
29    आज़ाद (AZAD)  - फारसी - उन्मुक्त
30    आदत (ADAT)  - अरबी - प्रवत्ति
31    आदमी (ADAMI)  - अरबी - व्यक्ति
32    आदाब (AADAB)  - अरबी - नमस्कार
33    आबरू  (AABRU)  - फारसी - प्रतिष्ठा, गौरवं, पदं, मान
34    आमद (AMAD)  - फारसी - आगमन
35    आरज़ू (ARAZOO)  - फारसी - इच्छा
36    आराम (ARAAM)  - फारसी - विश्राम
37    आलम (ALAAM)  - अरबी - हाल
38    आलिम (ALIM)  - अरबी - विदग्ध, प्रज्ञ, पंडित
39    आलू (ALOO)  - फारसी - ----
40    आलू बुखारा (AALOO BUKHAR)  - फारसी - ----
41    आवाज़ (AWAZ)  - फारसी - ध्वनि
42    आवारा (AWARA)  - फारसी - अदेशिक, निरस्पद
43    आशिक (ASHIQ)  - फारसी - प्रेमी
44    आसमान (AASMAN)  - फारसी - गगन
45    आसान (ASAAN)  - फारसी - सरल
46    आहट (AAHAT)  - अरबी - मर्मराय
47    आहिस्ता (AHISTA)  - फारसी - मंद
48    इंतक़ाम (INTKAAM)  - तुर्की - बदला
49    इंतज़ाम (INTZAAM)  - तुर्की - प्रबन्ध
50    इंतज़ार (INZAAR)  - अरबी - प्रतीक्षा
51    इंसान (INSAAN)  - अरबी - व्यक्ति
52    इजाजत (IZAZAT)  - फारसी - अनुमति
53    इज्ज़त (IZZAT)  - फारसी - गरिमा, प्रतिष्ठा, मान, गर्व, अनुभाव, प्रताप
54    इलाज़ (ILAZ)  - फारसी - उपचार
55    इशारा (ISHARA)  - तुर्की - इंगित
56    इश्क़ (ISHQ)  - फारसी - प्रेम, प्रीति
57    ईमान (IMAAN)  - अरबी - शुचि, निव्यार्जता, अनिकृति, आर्जव
58    उस्ताद (USTAD)  - तुर्की - गुरु
59    एक सा (EK SA)  - फारसी - सम्य, सम
60    ऐनक (AINAK)  - अरबी - ----------
61    औरत (AURAT)  - अरबी - स्त्री
62    क़त्ल (QATL)  - फारसी - हत्या
63    कद्दू (KADDU)  - फारसी - घिया
64    क़बूल (QABUL)  - फारसी - स्वीकार
65    कम (KAM)  - फारसी - स्वल्प
66    कमजोर (KAMZOR)  - फारसी - दुर्बल
67    क़मीज़ (KAMEEZ)  - फारसी - अंगरखा
68    करीब (KAREEB)  - फारसी - निकट
69    कलंदर (KALANDAR)  - तुर्की - ---------
70    कलम (KALAM)  - फारसी - लेखनी
71    कलाम (KALAAM)  - फारसी - उक्ति, वाणी, वाच
72    कागज़ (KAGAZ)  - फारसी - कागद
73    क़ातिल (KATIL)  - फारसी - हत्यारा
74    कानून (KANOON)  - फारसी - विधि
75    काफी (KAFEE)  - फारसी - पर्याप्त
76    काबिलियत (KABILIYAT)  - तुर्की - योग्यता, सामर्थता, सामर्थ्य
77    कामगार (KAAMGAR)  - तुर्की - कर्मकार, कर्र्मान्तिक
78    कालीन (KALEEN)  - तुर्की - आस्तरण, कुथ
79    किताब (KITAAB)  - अरबी - पुस्तक
80    किनारा (KINAARA)  - तुर्की - तीर
81    क़िला (QUILA)  - फारसी - दुर्ग, गढ़
82    किसी (KISI)  - फारसी - किञ्चित्, कश्चित
83    किस्सा (KISSA)  - फारसी - उपकथा, किवदंती,  दिग्ध
84    कीमत (KIMAT)  - तुर्की - मूल्य
85    कुदरत (KUDRAT)  - फारसी - प्रकृति
86    कुर्ता (KURTA)  - फारसी - ------------
87    कुर्बानी (KURBANI)  - अरबी - बलि
88    कुर्सी (KURSHI)  - फारसी - आसन्द, मञ्चिका
89    कुल (KUL)  - फारसी - सकल, योग
90    कुली (COOLIE)  - तुर्की - भारवाहक, भारक
91    कुल्चा (KULCHA)  - फारसी - -----------
92    कोतवाल (KOTWAL)  - तुर्की - कोटपाल, कोष्ठपाल
93    कोफ़्ता (KOFTA)  - फारसी - ---------
94    कोशिश (KOSHISH)  - फारसी - प्रयास
95    खजांची (KHAZANCHI)  - तुर्की - गञ्जवर, कोषाधिपति, कोषाध्यक्ष
96    खजाना (KHAZANA)  - तुर्की - कोष, निधि, शेवधि
97    खतरनाक (KHATARNAAK)  - फारसी - भयावह, दुर्विगहा
98    खत्म (KHATM)  - फारसी - समाप्त
99    खबर (KHABAR)  - अरबी - समाचार
100    खरबूजा (KHARBOOZA)  - फारसी - उर्वारुक
101    खराब (KHARAB)  - फारसी - विगुण, प्रदुष्ट, जुगुप्स
102    खरीद (KHARID)  - फारसी - क्रय
103    खरीदना (KHARIDANA)  - फारसी - संक्रयण
104    ख़लास (KHALLAS)  - अरबी - समाप्त
105    खानसामा (KHAANSAMA)  - फारसी - पाछक, पाककार
106    खाली (KHALI)  - फारसी - रिक्त, निरंक
107    खिलाफ (KHILAF)  - फारसी - विरूद्ध
108    खीरा (KHEERA)  - फारसी - स्फोटनी, इर्वारु
109    खुद (KHUD)  - फारसी - स्वयं
110    खुश (KUSH)  - फारसी - प्रसन्न
111    खुशबूदार (KUSHBOODAAR)  - फारसी - सुगंधित
112    खुशहाली (KHUSHHALI)  - फारसी - भाग्यसंपदा, समृद्धि
113    खुष्क (KHUSK)  - फारसी - शुष्क, निर्जल
114    खून (KHOON)  - तुर्की - रुधिर, रक्त
115    ख्याल (KHYAL)  - फारसी - ध्यान, विचिन्ता,
116    ख्वाईश  (KHWAISH)  - फारसी - इच्छा
117    ख़्वाब (KHWAB)  - फारसी - सपना, स्वप्न
118    गंदा (GANDA)  - फारसी - मलिन, कलुषित, कर्दम
119    गज़ब (GAZAB)  - अरबी - अद्युत, विशिष्ट, विचित्र, वापुष
120    गजल (GAZAL)  - तुर्की - ------------
121    ग़म (GAM)  - तुर्की - दुख, विषाद, संताप, खेद
122    गरम (GARAM)  - फारसी - तप्त
123    गरीब (GAREEB)  - फारसी - निर्धन
124    गलत (GALAT)  - फारसी - दोषपूर्ण, अशुद्ध, अनुचित
125    गाय (GAAY)  - फारसी - धेनु, सुरभि
126    गिरफ्तार (GIRAFTAAR)  - फारसी - अंध, आसेध, प्रग्रहण
127    गुजरना (GUZARANA)  - फारसी - व्यतीत, उत्तरती
128    गुज़ारना (GUZAARANA)  - फारसी - यापन
129    गुनाह (GUNAAH)  - तुर्की - अपराध
130    गुरूर (GURUR)  - तुर्की - अहंकार, गर्व, दर्प
131    गुलाम (GULAM)  - फारसी - सेवक
132    गोश्त (GOSHT)  - फारसी - मांस, आमिष
133    घर (GHAR)  - फारसी - गृह, निलय, आलय
134    चरखा (CHARAKHA)  - फारसी - सूतकर्तनचक्र
135    चर्बी (CHARBI)  - फारसी - वसा
136    चाकू (CHAAKU)  - तुर्की - संप्रयुक्त, क्षुरी, कृपाण
137    चादर (CHADAR)  - तुर्की - आस्तरण, शैयाच्छदन
138    चारपाई (CHAARPAYI)  - फारसी - स्वत्व, पर्यक, परेखा
139    चिक (CHIK)  - फारसी - वेणुपटल
140    चूंकि (CHUNKI)  - फारसी - यदर्थ, यस्मात
141    चेहरा (CHEHARA)  - फारसी - सूरत
142    छत (CHHAT)  - फारसी - छदी
143    जंग (JUNG)  - फारसी - युद्ध
144    ज़ंजीर (ZANZEER)  - तुर्की - शृंखला, पाश, बंद
145    जनाज़ा (ZANAZA)  - फारसी - अर्थी, अंत्येस्टी
146    ज़नाना (ZANANA)  - फारसी - महिला
147    जनाब (JANAAB)  - तुर्की - यजमान
148    ज़माना (ZAMANA)  - फारसी - समाज
149    जमींदार (ZAMEENDAR)  - फारसी - भूस्वामी
150    ज़मीन (ZAMEEN)  - फारसी - भूमि
151    जरूर (ZAROOR)  - फारसी - अवश्य
152    ज़रूरी (ZAROORI)  - फारसी - आवश्यक
153    जलसा (JALSA)  - अरबी - सम्मेलन, एकत्र
154    जवान (JAWAN)  - फारसी - युवा
155    जवाब (JAWAB)  - अरबी - उत्तर
156    जवाहर (JAWAHAR)  - अरबी - रत्न, माणिक
157    ज़हर (ZAHAR)  - फारसी - विष
158    जादू  (JADOO)  - फारसी - इंद्रजाल, माया, ऋद्धि, चमत्कार
159    जानम (JAANAM)  - फारसी - प्रिय
160    जानवर (JAANWAR)  - फारसी - पशु
161    जायज़ (JAYAZ)  - फारसी - वैध
162    जायदाद (JAYDAD)  - तुर्की - संपत्ति
163    ज़ालिम (ZALIM)  - फारसी - क्रूर
164    ज़ाहिर (ZAHIR)  - तुर्की - व्यक्त
165    ज़िंदा (ZINDA)  - फारसी - जीवित
166    जिमखाना (ZIMKHANA)  - फारसी - आखाडा, व्यायामशाला
167    ज़िला (ZILLA)  - फारसी - नगर
168    जिस्म (ZISM)  - फारसी - शरीर
169    ज़ुबान (ZUBAAN)  - फारसी - जिव्ह्या
170    जुर्म (JURM)  - फारसी - अपराध
171    जुर्माना (JURMANA)  - अरबी - दण्ड
172    "जुलूस         (JULOOS)   फारसी              शोभायात्रा"
173    "जुस्तजू             (JUSTAJOO)  - फारसी - निरूपण, मृगयती"
174    ज़ेब (ZEB)  - फारसी - पुटक
175    ज़ोर (JOR)  - फारसी - बल
176    ज्यादा (JYADA)  - फारसी - अधिक
177    झाड़ू (JHADOO)  - फारसी - बुहारी
178    तंग (TANG)  - फारसी - कुचेष्टा, उपद्रव, आर्ती
179    तंग (TANG)  - फारसी - संकीर्ण, संकुच, आंकुच,
180    तंदरुस्त (TANDARUST)  - फारसी - अगद, आरोग्य, कुशल
181    तंदूर (TANDOOR)  - फारसी - आपाक, अंती, कंदु, चुल्ली
182    तकरार (TAKRAAR)  - तुर्की -  विसंवाद, अपरव
183    तकरीबन (TAKRIBAN)  - अरबी - अनुमानत:
184    तबला (TABLA)  - फारसी - ---------
185    तबीयत (TABIYAT)  - तुर्की - मानस, शारीरिकस्थिति
186    तमंचा (TAMANCHA)  - तुर्की - भुशुंडी, आग्नेयास्त्र
187    तमगा  (TAMGA)  - तुर्की - कीर्तिमुद्रा, लब्धकिर्तिमुद्रा
188    तमन्ना (TAMANNA)  - तुर्की - इच्छा
189    तमाचा (TAMACHA)  - तुर्की - चपेट, चपत, स्फालन
190    तमाम (TAMAAM)  - तुर्की - कई, बहू, भूरि
191    तमीज़ (TAMEEZ)  - अरबी - आचरण, शिष्टाचार, सदाचार
192    तम्बूरा (TAMBOORA)  - फारसी - -----
193    तरकीब (TARQEEB)  - अरबी - उपाय
194    तरक्की (TARAKKI)  - अरबी - प्रगति, विकास, अभिवृद्धि
195    तरफ (TARAF)  - फारसी - ओर
196    तवा (TAVAA)  - तुर्की - भजन, पात्र, भृष्टापूप
197    तशरीफ (TASHREEF)  - फारसी - विराजो
198    तसल्ली (TASALLI)  - तुर्की - संयम
199    ताक़त (TAQAAT)  - फारसी - शक्ति
200    ताकतवर (TAQATWAR)  - फारसी - शक्तिशाली
201    ताज (TAAJ)  - फारसी - मुकुट
202    ताजा (TAJA)  - फारसी - शीतल
203    ताल्लुक (TALLUK)  - अरबी - संबंध, संहिती
204    तीमारदार (TIMARDAR)  - फारसी - अवेक्षक, धात्री, उपचारक
205    तेज़ (TEJ)  - तुर्की - द्रुत, तीव्र
206    तोप (TOP)  - तुर्की - बृहन्नालिक
207    दंगा  (DANGA)  - अरबी - संक्षोभ, कोलाहल, विप्लव, डिंब
208    दफ्तर (DAFTAR)  - फारसी - कार्यालय
209    दम (DUM)  - फारसी - बल, ऊर्जा, शक्ति, प्रताप, परकरम
210    दरख्त (DARAKHT)  - फारसी - विदर, प्रदर, छिद्र
211    दरबार (DARBAR)  - फारसी - उपकार्य, प्रसादन,
212    दरवाजा (DARWAJA)  - फारसी - पोल, द्वार, गोपुरम
213    दरिया (DARIYA)  - फारसी - नदी, सरिता
214    दरोगा (DAROGA)  - तुर्की - नगरपाल, रक्षपाल
215    दर्ज़ी (DARJI)  - फारसी - सौचिक, तुन्न्वाय
216    दर्द (DARD)  - फारसी - पीड़ा
217    दवाई (DAWAI)  - फारसी - औषधि
218    दस्तूर (DASTOOR)  - फारसी - परंपरा
219    दालचीनी (DAALCHINI)  - फारसी - ---------
220    दावा (DAWAI)  - तुर्की - अधिकारित्व, यच्चा
221    दास्तां (DASTAN)  - फारसी - कथा
222    दिमाग (DIMAG)  - अरबी - मस्तिष्क
223    दिल (DIL)  - फारसी - हृदय
224    दीवाना (DIWANA)  - फारसी - विमुग्ध, मदांध, प्रमूढ़, विमोहित
225    दीवार (DIWAR)  - फारसी - प्राचीर, कुंदय, भित्ति
226    दुआ (DUA)  - फारसी - आशीर्वाद, अननुनीति
227    दुकान (DUKAN)  - फारसी - विपणि, पाणी, आपण
228    दुनिया (DUNIYA)  - फारसी - विश्व
229    दुबारा (DUBARA)  - फारसी - पुन:
230    दुम (DUM)  - फारसी - पूंछ
231    दुश्मन (DUSHMAN)  - तुर्की - शत्रु, रिपु, आमृण
232    देहाती (DEHATI)  - फारसी - ग्रामीण
233    दोस्त (DOST)  - फारसी - मित्र
234    दौलत (DAULAT)  - तुर्की - धन
235    नज़र (NAZAR)  - फारसी - दृष्टि
236    नफरत (NAFRAT)  - फारसी - द्वेष, विद्वेष, तिरिस्कार, अक्षिगत, घृणा, जुगुप्सा
237    नमक (NAMAK)  - फारसी - लवण, क्षार
238    नया (NAYAA)  - फारसी - नव, नूतन
239    नवाजना (NAWAZANA)  - फारसी - सम्मानित करना
240    नसीब (NASEEB)  - अरबी - अदृष्ट, दैव, विधि
241    नाखून (NAKHOON)  - फारसी - नख, करज, नखर
242    नान (NAAN)  - फारसी - ------------
243    नापसंद (NAPASAND)  - फारसी - अप्रीति, निराग, निग्रह
244    नारंगी (NARANGI)  - फारसी - कौसम्भ, पीतरक्त
245    नाराज़ (NARAAZ)  - फारसी - क्रुद्ध, क्रोधिन, कुपित, क्षुभित
246    निगाह (NIGAAH)  - तुर्की - लोचन, इच्छा, दृष्टि
247    निशान (NISHAN)  - तुर्की - लक्ष्य, उपेय, वयून
248    नौकर (NAUKAR)  - तुर्की - सेवक
249    नौजवान (NAUZWAAN)  - फारसी - तरुण, युवक
250    पनीर (PANEER)  - फारसी - आमीक्षा, दधिर
251    परगना (PARGANA)  - फारसी - मण्डल, जनपद
252    परवरिश (PARWARISH)  - फारसी - परिपोषित, आयापित, पोषण, पालन
253    परहेज (PARHEZ)  - फारसी - निरवर्तन, प्रतिवास, उपवास
254    परिंदा (PARINDA)  - फारसी - पक्षी, विहग
255    परेशान (PARESHAN)  - फारसी - अशांत, व्याकुल, आकुल, उदिग्न
256    पसंद (PASAND)  - फारसी -  इष्ट, प्रिय, दयित, अभिलाषी, स्नेह, अनुमुद्
257    पहलवान (PAHLWAN)  - तुर्की - मल्लयोद्धा
258    पास (PAAS)  - फारसी - समीप, निकट, पार्श्व
259    पिस्ता (PISTA)  - फारसी - ---------
260    पुलाव (PULAV)  - तुर्की - ओदन
261    पूरा (PURA)  - फारसी - पूर्ण, सम्पूर्ण, अखिल
262    पेशाब (PESHAB)  - फारसी - मूत्र, मेहन
263    पैर (PAIR)  - फारसी - टांग
264    प्याज़ (PYAZ)  - फारसी - पलाण्डू
265    फकीर (FAKEER)  - फारसी - सन्यासी, साधू, संत
266    फरिश्ता (FARISTA)  - फारसी - देवदूत
267    फर्क (FARK)  - फारसी - अंतर
268    फसाद (FASAAD)  - अरबी - भ्रष्टाचार, दुष्टि, उत्कोच, कोथ
269    फायदा (FAYDA)  - तुर्की - लाभ, हित
270    फिक्र (FIKR)  - तुर्की - चिंतशील, आध्यान, व्यथित, पर्युत्सुक
271    फिरंगी (FIRANGI)  - फारसी - विदेशी, परदेशी
272    फिलहाल (FILHAAL)  - फारसी - आधुना, संप्रति, इदानीम
273    फुर्सत (FURSAT)  - तुर्की - स्वेरिन,
274    बंद (BAND)  - फारसी - बंध
275    बक्सीश (BAKSHISH)  - फारसी - तोषक
276    बच्चा (BACHCHA)  - फारसी - बाल, शिशु, अर्भक, तारक, सुत, वत्सक
277    बदन (BADAN)  - फारसी - देह, शरीर, अंग, अर्चा, जूर्णी
278    बदबूदार (BADBUDAAR)  - फारसी - पूतिगंध, दुर्गंध
279    बराबर (BARABAR)  - तुर्की - समान, साम्य, उपनिभ, प्रत्यनीक
280    बर्बाद (BARBAAD)  - फारसी - समपिस्ट, नष्ट, विनष्ट, ध्वस्त, उछन्न, खंडित
281    बस (BAS)  -  अरबी - सुभीक्ष, यथेष्ठ,
282    बस्ता (BASTA)  - फारसी - स्यूत, प्रसेत, स्थवि
283    बहादुर (BAHADUR)  - तुर्की - वीर, शूर, प्रगल्भ, पराक्रमी, निडर
284    बाज़ार (BAZAAR)  - तुर्की - पण्यवीथी, विपणि, हट्ट
285    बाज़ू (BAZU)  - फारसी - स्त, पाणि, कर, शय, पंचशाख, भुजादल
286    बादाम (BADAMA)  - फारसी - वाताम
287    बाबा (BABA)  - फारसी - मुनि, ऋषि, ज्येष्ठ, गुरुजन
288    बार (BAAR)  - फारसी - पुन:, भूयस
289    बारूद (BARUD)  - फारसी - विस्फोटक
290    बावर्ची (BAWARCHI)  - तुर्की - रसोइया
291    बिरयानी (BIRYANI)  - फारसी - ---
292    बिल्कुल (BILKUL)  - अरबी - कदापि
293    बीमा (BIMA)  - फारसी - योगक्षेम
294    बीमार (BEEMAR)  - फारसी - रोगी
295    बीवी (BIWI)  - फारसी - पत्नी
296    बेईमान (BEIMAAN)  - फारसी - कुटिल, वक्र, वच्चुक, नैक्रतिक
297    बेकार (BEKAR)  - तुर्की - असार, अगुण, जड़
298    बेगम (BEGUM)  - तुर्की - जाया, भार्या, पत्नी, दंपनी
299    बेलदार (BELDAAR)  - तुर्की - श्रम, कर्मकार
300    बैंगन (BAIGAN)  - फारसी - वृंतकम, भटाकी
301    मंजर (MANZAR)  - फारसी - दृश्य
302    मजनू (MAZANOO)  - तुर्की - प्रेमी
303    मजबूत (MAZABOOT)  - फारसी - अलभ्यम, प्रबल, दृढ़
304    मजहब (MAJHAB)  - तुर्की - धर्म
305    मजेदार (MAZEDAAR)  - फारसी - विलक्षण
306    मतलब (MATLAB)  - फारसी - पर्याय, नैगम, अर्थ
307    मदद (MADAD)  - फारसी - सहायता, अभिष्टि, ऊती
308    मरहूम (MARHOOM)  - फारसी - स्वर्गीय
309    मरीज़ (MAREEZ)  - फारसी - रोगी, रुग्ण, उत्तारिन
310    मर्द (MARD)  - फारसी - पुरुष, नर
311    मसला (MASLA)  - तुर्की - समस्या, उत्तेशक
312    मसौदा (MASAUDA)  - तुर्की - प्रारूप, विकर्ष
313    महीना (MAHINA)  - फारसी - मास, माह
314    माफ (MAAF)  - फारसी - क्षमा, मृष्यति, विमुञ्चति
315    मालदार (MAALDAAR)  - फारसी - धनिक, आढ्य
316    मालूम (MALOOM)  - फारसी - ज्ञात, अवगत, अवसित
317    मासूम (MASOOM)  - फारसी - निष्पाप, निर्मल, शुचि, अनघ
318    मुकम्मल (MUKAMMAL)  - फारसी - समाप्त, सम्पूर्ण, निष्पन्न
319    मुकर्रर (MUKARRAR)  - अरबी - पुनरुक्तताम, पुन:, वारवारम
320    मुखातिब (MUKHATIB)  - अरबी - सम्ब्रवीति, मनसाध्य
321    मुर्गी (MURGI)  - फारसी - कुक्कुट
322    मुर्दा (MURDA)  - फारसी - स्थग, कौणप, शव
323    मुलाकात (MULAKAT)  - फारसी - समागम, सभा, मिलन
324    मुल्क (MULK)  - अरबी - देश, राष्ट्र, लोक, निर्ग, अर्ध, वसुधा
325    मुश्क (MUSHQ)  - अरबी - इत्र, गंधदृव्य, सुगंध
326    मुश्किल (MUSQUIL)  - अरबी - दूरीति, विषम्य, काठिन्य
327    मुसाफिर  (MUSAFIR)  - तुर्की - यात्री
328    मुसीबत (MUSIBAT)  - तुर्की - कष्ट, परिबाधा, समस्या
329    मुहब्बत (MUHABBAT)  - अरबी - प्रीति, प्रेम, अनुरक्ति, स्नेह
330    मुहल्ला (MUHALLA)  - फारसी - समुद्देश
331    मूल्जिम (MULJIM)  - तुर्की - अभियुक्त
332    मेहरबान (MEHARBAAN)  - फारसी - करुणा, सुजनता
333    मैदान (MAIDAAN)  - फारसी - राजी, क्षेत्र
334    मोहतरमा (MOHTARMA)  - अरबी - देवी, आर्या, भाविनी,
335    या (YAA)  - फारसी - अथवा
336    याद (YAAD)  - फारसी - स्मृति, स्मरण
337    यानि (YAANI)  - फारसी - अर्थ
338    यार (YAAR)  - फारसी - मित्र
339    रंग (RANG)  - फारसी - वर्ण
340    रंग बिरंगा (RANG-BIRANGA)  - फारसी - नानावर्ण
341    रंगीन (RANGEEN)  - फारसी - वर्णमय
342    रद्दी (RADDI)  - फारसी - आर्तन, उपक्षय
343    राज़ी (RAAZI)  - तुर्की - अभिमान्य, सहमत
344    राय (RAI)  - अरबी - विचार, मत, मर्श, निर्देश
345    रिवाज़ (RIWAZ)  - फारसी - संस्कार
346    रिश्वत (RISHWAT)  - तुर्की - उत्कोच
347    रूह (ROOH)  - फारसी - आत्मा
348    रेजगारी (REZGAARI)  - तुर्की - काकणी
349    रोज़ (ROZ)  - फारसी - प्रतिदिवस
350    रोजगार (ROZGAAR)  - तुर्की - नियोग, जीविका
351    "रोशन     (ROSHAN)  - फारसी - शुभ्र, उज्ज्वल, दीप्ति"
352    लश्कर (LASHKAR)  - फारसी - सैन्य शिविर
353    लेकिन (LEKIN)  - अरबी - परंतु, किन्तु
354    लैला (LAILA)  - तुर्की - अरबी नाम
355    लोबिया (LOBIA)  - फारसी - अल्सान्दे कालू, चौली
356    व (VA)  - तुर्की - एवं
357    वकील (VAKIL)  - तुर्की - अधिवक्ता
358    वक़्त (VAQT)  - अरबी - समय
359    वतन (VATAN)  - फारसी - देश, राष्ट्र, लोक, निर्ग, अर्ध, वसुधा
360    वफ़ा (VAFA)  - तुर्की - भक्ति, आस्तिक्य, वांगनिष्ठा
361    वर्जिश (VARJISH)  - फारसी - अभ्यास
362    वादा (VAYADA)  - तुर्की - वचन
363    वापस (VAPAS)  - फारसी - पुनरागमन, प्रतिगम
364    शक्कर (SHAKKAR)  - फारसी - शर्करा
365    शतरंज (SHATRANJ)  - तुर्की - चतुरंग
366    शरबत (SHARBAT)  - फारसी - मधुपेय, ठंठाई
367    शराब (SHARAB)  - फारसी - सुरा, मदिरा
368    शहर (SHAHAR)  - फारसी - नगर, पूरी, पल्ली
369    शहरी (SHAHARI)  - फारसी - नगरीय
370    शादी (SHAADI)  - फारसी - विवाह, माधवी
371    शादी शुदा (SHADI SHUDA)  - फारसी - विवाहित
372    शाम (SHAAM)  - फारसी - सांयकाल
373    शायद (SHAYAD)  - फारसी - संभवत:
374    शिकस्त (SHIKAST)  - फारसी - पराजय, परास्त
375    शिकायत (SHIKAYAT)  - फारसी - आक्षेप, काकु, परिदेवन
376    शिकार (SHIKAR)  - फारसी - आखेट,
377    शीशा (SHEESHA)  - तुर्की - दर्पण, मुकुर, आरसी
378    शुक्रिया (SHUKRIYA)  - अरबी - धन्यवाद
379    शैतान (SHAITAN)  - अरबी - पिशाच
380    सख़्त (SAKHT)  - फारसी - दृढ़, कठोर
381    सफर (SAFAR)  - तुर्की - यात्रा, प्रयाण
382    सफ़ेद (SAFED)  - फारसी - श्वेत
383    सब्ज़ी (SABJI)  - फारसी - तरकारी, भाजी,
384    सर (SAR)  - फारसी - मस्तिष्क
385    सरदार (SARDAR)  - फारसी - -----
386    सरोद (SAROD)  - फारसी - -----
387    सलवार (SALWAR)  - फारसी - -----
388    सलाखे (SALAKHEIN)  - फारसी - झँझरी, शलाका
389    सलामत (SALAMAT)  - तुर्की - क्षेम, अदिति, अवृक
390    सलाह (SALAAH)  - फारसी - सुझाव
391    सवाल (SAWAL)  - फारसी - प्रश्न
392    सही (SAHI)  - फारसी - उचित, सम्यक, अभ्रांत, नीत
393    सादा (SAADA)  - तुर्की - सरल, ऋजु, अमाय,
394    साफ (SAAF)  - फारसी - निर्माल्य, विमल, स्वच्छ, अमल, मार्जन
395    साबुन (SAABUN)  - फारसी - स्निग्ध.
396    साया (SAAYA)  - फारसी - प्रतिछाया
397    सारंग (SAARANG)  - फारसी - -----
398    साल (SAAL)  - फारसी - वर्ष
399    साहब (SAHAB)  - अरबी - महाशय
400    साहिल (SAAHIL)  - तुर्की - वेला, तट
401    सितार (SITAR)  - फारसी - -----
402    सिपाही (SIPAHI)  - फारसी - सैनिक
403    सियासत  (SIYASAT)  - अरबी - राजनीति
404    सिरका (SIRKA)  - फारसी - लिकुच, रसाम्ल
405    सिर्फ (SIRF)  - फारसी - केवल, मात्र, एव
406    सिलसिला (SILSILA)  - अरबी - अनुक्रम, श्रेणी, अनुबंध
407    सुल्तान (SULTAN)  - फारसी - महाराज
408    सुस्त (SUST)  - फारसी - मंद, मूढ़, अरसिक, नीरस
409    सूद (SOOD)  - फारसी - वृद्दि
410    सूबेदार (SUBEDAR)  - फारसी - सामंत
411    सेब (SEV)  - फारसी - अत्व फल
412    सेहत (SEHAT)  - तुर्की - स्वास्थ्य, आरोग्य
413    हक़ीक़त (HAQIQAT)  - तुर्की - यथार्थ, वस्तुस्थिति, सत्यता, स्फुटता, तत्वत
414    हकूमत (HUKUMAT)  - अरबी - शासन, प्रतिपत्ति, अधिपत्य
415    हजामत (HAZAMAT)  - अरबी - मूडना, क्षौर
416    हज़ार (HAZAAR)  - फारसी - सहस्त्र
417    हफ्ता (HAFTA)  - फारसी - सप्ताह
418    हमला (HAMLA)  - तुर्की - आक्रमण, प्रत्यावस्था, अभियुज
419    हमेशा (HAMESHA)  - फारसी - सदा, सर्वदा, सतत
420    हरगिज़ (HARGIZ)  - फारसी - कदापि
421    हरदम (HARDAM)  - फारसी - सर्वदा, निरंतर, लगातार
422    हराम (HARAAM)  - अरबी - निषिद्ध, प्रतिषिद्ध, दुरवेक्षित, विगर्हित
423    हल (HAL)  - तुर्की - समाधान
424    हलवा (HALWA)  - तुर्की - ---------------
425    हलाल (HALAAL)  - अरबी - धर्मीष्ठ, स्वधावन
426    हवलदार (HAWALDAAR)  - फारसी - बंदीपालक
427    हवा (HAWA)  - फारसी - वायु
428    हाज़िर (HAAZIR)  - फारसी - उपस्थित
429    हाल (HAAL)  - फारसी - अवस्था, दशा, गति, शरव्यता, वृति
430    हालत (HALAT)  - फारसी - स्थिति, दशा, भाव, अवस्था
431    हिचकी (HICHAKI)  - फारसी - हिक्का
432    हिन्दू (HINDU)  - फारसी - -----
433    हिसाब (HISAAB)  - फारसी - गणना, विकल्प, कलन
434    हिस्सा (HISSA)  - तुर्की - भाग
435    हुकुम (HUKUM)  - फारसी - आदेश
436    होशियार (HOSHIYAAR)  - फारसी - सतर्क

कृपया करके अपने बंधु बंधवों को भी शेयर कीजिये, इसके साथ साथ यदि आपको भी अन्य प्रचलित अरबी/फारसी/उर्दू/तुर्की शब्द हिन्दी भाषा में मिलता हैं तो कृपया कमेंट में डाल दीजिये मैं उन्हे भी उपरिलिखित सूची में जोड़ दूंगा।

23 comments:

  1. प्रभु! दया करें मेरी भाषा पर. हिंदी को आपकी ज़रूरत नहीं. सफाई, गंदगी भी विदेशी शब्द हैं. और तो और मियाँ, हिंदी भी विदेशी शब्द है. और तो और, ये साबित नहीं किया जा सकता कि शब्द कहाँ से आते हैं.
    संस्कृत और फ़ारसी का संवाद पढ़ना हो तो कथाकौतुकम् पढ़िये.
    और अंत में, थोड़ी उर्दू, बस इसलिए कि वो आपके कान में पिघले सीसे की तरह पड़ेगी,

    गई बहोर ग़रीब नेवाजू। सरल सबल साहिब रघुराजू॥

    तुलसी बाबा कह गये हैं. और मीर तक़ी मीर कह गये हैं, ' क्या बात थी कि जिसका ये विस्तार हो गया '

    उनकी आत्माओं को कष्ट न दें, भगवन्.

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    1. आपकी भावनाओं को मैं समझ सकता हूं, आप जैसे विचारधारा वाले व्यक्तियों का मुझे पहले से भान था, इसलिए मैंने आपको अपने लेख के आरम्भ में समुचित स्थान दिया हैं, बात यहाँ भाषाओं तक सीमित नहीं हैं, बल्कि उससे जुड़े स्वाभिमान की हैं। मेरे विचार से आप कभी ईरान घूमकर आइये, और फिर वहाँ अपनी भाषा में संवाद करने का प्रयास कीजिएगा, आपके मुख से बोले हुए शब्दों को पहचान कर उन्हें जो गर्वानुभूति होगी उसकी तुलना आप नहीं कर पायेंगे। दूसरी बात जो अँग्रेजी भाषा के भारतीय भाषाओं में शनै शनै स्थान लेने की, अँग्रेजी के भारतीय भाषाओं में आने के कुछ दूरगामी दुष्परिणाम हैं, जोकि हम में से अधिकांश लोग "महसूस" कर रहे हैं। वह हैं मूल भाषा के शब्दों को भूलते जाना। आप भले ही हिन्दी के प्रकाण्ड विद्वान हो परन्तु आम जनता वही बोलती हैं जो समाज में चलता हैं। और तीसरी और सबसे महत्वपूर्ण बात, फारसी और अरबी शब्दों का भारत में विस्तार किसी भाषा प्रेम की वजह से नहीं अपितु भाषा द्वेष के कारण हुआ हैं, इसकी अधिक जानकारी के लिए आपकों शायद भारत में मुस्लिम भाषाओं (अरबी, फारसी, तुर्की) के प्रसार के इतिहास पर ध्यान देना चाहिए।

      धन्यवाद

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    2. नाम तो बाण भट्ट रखा है पर बात खुसरो की तरह कर रहे हो, ये सेकुलरिस्म का फर्जी खाना उन्हें परोसो जो बाबर को अपना बाप मानते हैं, हिंदुओं को तुम जैसे गीदड़ों की कोई जरूरत नहीं है, पल्लव जी ने बहुत ही बढ़िया काम किया है, तुम्हारी जानकारी के लिए ये लिख रहे हैं, जो कांग्रेसियों से कभी पढ़ाया नहीं गया होगा कि हिन्दी सिंधी शब्द का ही देशज उच्चारण है, चेक करना हो तो गुजरात कुछ दिन रह के आ जा, वहाँ के लोग आज भी स को ह बोलते हैं, ये भ्रम फैलाया गया है की हिन्दी विदेशी शब्द है ताकि इस्लाम के काले पन्ने ढके जा सकें, हम भी दुर्भाग्य से कोंग्रेसियों के स्कूल से पढ़ के निकले हैं, नहीं तो शुद्ध हिन्दी में तेरी अच्छे से बजाते

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    3. हिन्दी संवादों में अक्सर "कुतर्क" शब्द का प्रयोग ऐसे ही अवसरो के लिए होता हैं। भाषा कैसे एक धर्म विशेष और क्षेत्र विशेष की प्रतिनिधि बन जाती हैं भारत में इसका जीता जागता उदाहरण उर्दू और फ़ारसी हैं, स्वयं पाकिस्तान की नीव ऐसे ही भाषा विवाद पर पड़ी थी। (और ज्यादा पढ़ने के लिए सर सैयद अहमद और इकबाल के विचार पढ़िये)
      हमारे बीच में एक भाषा हैं जिसने देश का बंटवारा करवा दिया, अब आप संस्कृति के बंटवारा भी करवाना चाहते है?
      कृपया नीचे दिये गयी शायरी का टुकड़ा पढ़िये, आप समझ सकते तो समझिए कि आखिर क्यो कुछ लोग सोमनाथ की आत्मा के पीछे पड़े हुये हैं? 800 सालों से उस जीत के जश्न में लगातार मसनवीय, शायरियाँ और मिशरे लिखते रहे हैं। समझ सके तो समझना दोस्त, मीर तकी मीर तो समझ गए थे तभी बोल गए कि यह खाई कभी नहीं पट सकती, लेकिन हिन्दू हैं कि अपनी आंखे खोलना ही नहीं चाहता

      कुछ नहीं कह रही ये रात मुझे
      दर्द से चाहिए निजात मुझे
      जाने लगता हैं ऐसा क्यूँ मुझको
      फिर गिराना हैं सोमनाथ मुझे
      बे-नियाजी की इस बुलंदी पर (बेवफ़ाई की इस बुलंदी पर)
      कुछ नहीं कहते सानेहात मुझे

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  2. "language is a dialect with its own army and navy". i.e. when it is backed by political and administrative power, a dialect becomes a language. as Hindi does not have political and administrative power behind it, it is not a language it is a dialect. Therefore, technical books and literature cannot be written in Hindi. Literary works of high degree intellectual content can also not be written in Hindi. Purpose of filtering out Turkish Arabic and Persian words should not be puritanical, political aur egoistic. It ought to be a grander aim: IF you filter out the Turkish Arabic and Farsi words, what you are left with is Sanskrit. This way we can become a Sanskrit speaking nation effortlessly. Sanskrit is a perfect language for high quality literary work and for literature of technical nature.

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    1. Same is applicable to English, French and other languages till 15th century when Latin was both Religious and Administrative language.
      Arabic was both religious and administrative language for many nations for many years.
      If you conider Turkish language, this languge was not an official language of Turk Court for many years. Only recent phenomena has revived the language. Hence, We can not say the what it needs to make dialect to become a full fledged langugae if it is not extent of expansion.
      Content and literary works of high degree can be written in Hindi provided you have brilliant poets and authors at our side. Many writers in south and west India are in process of reviving their language with extraordinary writing skills.
      Purging of Arabic, Persian or Turkey words from an ordinary Hindu vocabulary doesn't mean, leaving out only Sanskrit. There exist other languages in India too, i.e. Dravidian languages, Munda and other non-Aryan languages which have their own vocabulary, We must integrate them in our communication. This will help in two ways, 1. enriching our vocabulary, 2. Integrate Indian society and thinking.

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  3. अति उत्तम प्रयास

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  4. बहुत ही उत्तम और सराहनीय कार्य

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  5. pul - farsi - bridge
    band - farsi - dam
    sar - farsi - head

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  6. I do not know from where you got the idea that India was a slave for 800 years. As far as I know, according to the definition of slavery, India was a slave for only 2 years.

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  7. आपके इस सराहनीय कार्य पर जिस व्यक्ति ने पहली टिप्पणी की है, ये उसके लिए है, नाम तो बाण भट्ट रखा है पर संस्कृत का स नहीं है इसकी भाषा में, अरबी फारसी की वकालत करने वाले इस ढोंगी को ये लगता है कि हिन्दी इस जैसों की ही संपत्ति है, ऐसा आम तौर पर कांग्रेसियों, वामपंथियों और अपना छुपा हुआ अजेंडा चलाने वाले जिहादियों को लगता है इसलिए ये दूसरों को हिन्दी से दूर करते हैं ये कहकर कि हिन्दी को आपकी जरूरत नहीं हैं, जबकि वास्तव में हिन्दी पर हिंदुओं का ही अधिकार है, इस मूर्ख को ये भी नहीं पता कि सफाई के लिए स्वच्छता और गंदगी के लिए मलिनता जैसे शब्द भी हिन्दी भाषा में हैं, इस जैसे लोगों के ही कारण जो बॉलीवुड में बैठे हैं, लेखकों के भेष में बैठे हैं, देश का सनातनी मानव अपनी मातृभाषा तक भी ठीक से नहीं पहुँच पाया। हिन्दी शब्द का जन्म विदेश में हुआ है ये नेहरुवाद का परिणाम है, हिन्दू मुस्लिम भाईचारा का नाटक चलाने के लिए ये झूठ फैलाया गया है, सिंधी शब्द का देशज उच्चारण ही हिन्दी है, और तो और इस अभिमानी को ये लगता है कि शब्दों का स्त्रोत नहीं होता, इसने शब्दों की व्युत्पत्ति के बारे में पढ़ा नहीं होगा आखिर कुएं का मेंढक जो ठहरा, और जिस कथा कौतुकम की ये डींग हांक रहा है उसकी असलियत सुन लें, जब श्रीवर का समय था तब कश्मीर में मोहम्मद शाह का राज था, श्रीवर इसीके दरबार का कवि था, अब इसमें क्या आश्चर्य है कि एक इस्लामिक आक्रांता ने एक हिन्दू विद्वान से अपने इलाके की किसी किताब का अनुवाद संस्कृत में करवा लिया, ये तो एक प्रकार का अत्याचार ही था, कथाकौतुकम फारसी के कवि जामी की किताब युसुफ ज़ुलेखा का संस्कृत अनुवाद ही तो है, धर्मनिरपेक्षता तो तब होती जब बादशाह उर्दू में किसी हिन्दू काव्य का अनुवाद करवाता, इसमें कहाँ संस्कृतियों का मेल और भाईचारा है, वैसे ही ये तुलसी जी की रचना में भी मिलावट करके परोस रहे हैं, ये कचरा उनके ही खाने योग्य है, आपका का कार्य अद्भुत है

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  8. हिंदी अपने आप मे कोई भाषा नही है जिस हिंदी का आप शुद्धिकरण करने में लगे हो खूबसूरत फ़ारसी शब्दो के निकल जाने के बाद वह पूरी तरह आर्टिफिशियल और उबाऊ भाषा बन जाएगी

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    1. आपके विचारों से में आंशिक रूप से सहमत हूँ, चूँकि फारसी और हिन्दी एक ही भाषा परिवार से हैं इसलिए कई शब्दों को हटा पाना असंभव हैं, अब जैसे पानी शब्द को ही ले, यह दोनों भाषाओ में रहा हैं और वर्तमान में हिन्दी में ज्यादा प्रयोग किया जाता हैं। इसी प्रकार कई अन्य संस्कृतनिष्ठ शब्द हैं जो फारसी में भी हैं। लेकिन फारसी में प्राचीन, असीरियन, तुर्की, ग्रीक, अरबी और अन्य सेमिटिक भाषाओ के काफी शब्द हैं जिन्हे हटाने पर ध्यान देना चाहिए, क्योंकि उनसे आम बोलचाल में हिन्दी और संस्कृत शब्दों को समुचित स्थान नहीं मिल रहा हैं, अब जैसे आसीन और आरसी को ही लीजिये । 12-13 सदी के दौरान हिन्दी भाषा में इन शब्दों का बहुतायत से प्रयोग होता था लेकिन आजकल की पीढ़ी इनका अर्थ भी नहीं जानती होगी। मेरे विचार से आपको फिरदौसी के बारे में पढ़ना चाहिए, कैसे इस व्यक्ति ने अनुपम कृति शाहनामा की रचना की और विगत दो सौ वर्षो से मृतप्राय: फारसी भाषा को पुनर्जीवित किया। शब्दों का प्रयोग उस भाषा के जीवित रहने की कसौटी हैं। अब यदि हम हिन्दी में ही उर्दू के ज्यादा शब्दों का प्रयोग करने लगेंगे तो वह उर्दू जुबान बन जाएगी और यदि उर्दू में फ़ारसी के शब्द बढ़ा दिये तो वे फ़ारसी बन जाएगी, इकबाल की शायरी में आप यह बात देख सकते हैं। और यदि आपको फ़ारसी शब्द अच्छे लगते हैं तो फ़ारसी एक भाषा के तौर पर पढ़िये, और मेरी बात याद रखे जब आप रूमी, अत्तार या सनाई को पढे तो उनके द्वारा हिन्दुओ और हिन्दुओ के रिवाज़ों पर दिये गए वर्णनों को पढ़ना मत भूलिएगा आपको 12वी सदी के इन मुस्लिम विद्वानो की हिन्दुओ के प्रति राय समझ आ जाएगी।

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  9. हिंदी अपने आप मे कोई भाषा नही है जिस हिंदी का आप शुद्धिकरण करने में लगे हो खूबसूरत फ़ारसी शब्दो के निकल जाने के बाद वह पूरी तरह आर्टिफिशियल और उबाऊ भाषा बन जाएगी

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  10. आप का यह प्रयास एक दिन अवश्य ही रंग लाएगा । नया सवेरा , नव प्रभात में इस धरा पर प्रत्येक भारतवासी विदेशी शब्दो को अपनी वाणी और लेखनी से लोपित कर देगा । मेरी भाषा और मेरी संस्कृति का उद्गम देववाणी संस्कृत से हुआ है । जब पृथ्वी पर भारतवंसियो के इतर किसी अन्य को क ख ग नही आता था उस काल कालखंड में संस्कृत जैसी विज्ञान सम्मत भाषा संवाद का माध्यम थी । कोई भी आक्षेप हमारी संस्कृत और संस्कृति को कमतर नही कर सकता । जो आक्षेप लगाते है वो स्वयं लघुकद वाले है ।
    प्रणाम आभार

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    1. नमस्कार बन्धु,
      आपके बधाई के लिए बहुत बहुत धन्यवाद, संस्कृत निसंदेह हमारे देश की प्राचीन भाषा हैं, परंतु प्राकृत और पाली हमारे देश में बड़े स्तर पर जनमानस की भाषा थी, भारत के सबसे पुराने लेख प्राकृत भाषाओं में मिले हैं। अत: हमे यह निर्णय विद्वानो पर छोड़ देना चाहिए की कौन सी भाषा पुरानी हैं। लेकिन संस्कृतनिष्ठ हिन्दी + अन्य द्रविड़ भाषाओ का समागम से देश के जनमानस के अंदर स्वाभिमान का भाव जग सकता हैं। इस पर मैं पूर्णरूपेण आश्वस्त हूँ। और आशा करता हूँ कि मेरे देशवासी भारतीय भाषाओं को ज्यादा तरजीह देंगे।

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  11. इस हिसाब से‌ अमित शाह को शाह शब्द निकालकर अमित भगोडा‌ नाम रख लेना चाहिए।

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    1. बिल्कुल, भारत में तो नहीं पर अन्यत्र इस तरह के काम हो चुके हैं, गुलामी के प्रतीकों को पूरी तरह से खत्म कर दिया गया।

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  12. तुम घृणित कीड़ों द्वारा अत्याधिक मल मूत्र के सेवन और लिंग योनि पूजने के कारण तुम लोगो का मस्तिष्क पूर्ण रूप से सड़ चुका है, जो इस धरती के प्रति कैंसर का कार्य कर रही है, अतः तुम घृणित कीड़ों की संख्या पर नियंत्रण और तुम्हारी आने वाले पीढ़ियों को इस घातक रोग से ना बचाया गया तो धरती वक्त से पहले पलटने की पूर्ण संभावनाएं है..

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  13. amrud आग्रलम् , बीजपूरम्
    tarbuja kharbuja कलिंदा
    anar दाडिम
    angur द्राक्षाफलम्
    kishmish शुष्‍कद्राक्षा ,
    badam वातामम् , वाताद
    pyaaj पलाण्डु
    aachar अवलेह
    kabutar कपोत
    kainchi कर्तरि
    shuturmurg उष्ट्रपक्षी
    khargosh शशकः
    tota शुक , कीरः
    gilheri चिक्रोडः , चमरपुच्छ ,
    वृक्षमर्कटिका

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  14. khajana निधि , कोष
    pumpkin kaddu कुष्माण्ड
    toliya गात्रमार्जनी , अङ्गप्रोक्षणी
    takiya उपधान , कशिपु
    sock पादकोश
    joota पादत्र , पादत्राण ,
    पादपरिधानम्
    darji सौचिक , तुन्नवाय
    parda यवनिका , पट , प्रच्छद ,
    आवरण
    nashta अल्पाहार , प्रातःभोजनम् ,
    जलपान
    malish अङ्गसंवाहन ,
    अङ्गमर्दन , उत्सादन ,
    गात्रोत्सादन
    shart पण , नियम
    baaj श्येन
    davat संभोजन , आमंत्रण ,
    निमंत्रण
    manaa निषेध , प्रतिबंधित ,
    अस्वीकार , नकारना
    roj प्रतिदिन , नित्य
    syaahi मसि
    dvaat मसिपात्र
    muftkhor पात्रेसमित, पात्रेबहुल,
    परान्न
    danga संक्षोभ , उपद्रव
    gujarish अनुरोध , निवेदन ,
    अनुग्रह , याचना , प्रार्थना
    tarakki प्रगति
    maidaan क्षेत्र , क्रीडाक्षेत्र ,
    क्रीड़ास्थल
    faltu व्यर्थ
    beimaan असत्यवादी , भ्रष्ट , दुष्ट
    कपटी , अनैतिक ,
    अनैष्ठिक , कुटिल
    bilkul सर्वदा , कदापि , पूर्णतया
    filhaal सम्प्रति
    pareshan उद्विग्न
    parhej पथ्य , परिहार, निग्रह
    boredom नीरसता , विरक्ति
    napasand अप्रीति , अप्रिय
    masoom भोला , निर्दोष
    nakhun नख
    deewar भित्ति , प्राचीर
    daawa अभ्यर्थना
    najarandaz उपेक्षा

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  15. laparwaah अनवधान , प्रमाद ,
    अनवधानता , प्रमादतः
    nasha प्रमत्त , मादकता ,
    मादक
    garmi garm उष्णता , उष्ण , तप्तता , तप्त
    ganda मलिन
    khali निरंक , रिक्त
    kul total सकल ,
    aavara निरस्पद , घुमक्कड़
    hamesha सर्वदा , सदा , सदैव
    badalna विनिमय , परिवर्तित
    परिवर्तन
    shikayat उपालंभ , परिवेदन
    hairaan अचंभित , स्तब्धः ,चकित
    daag धब्बा , कलङ्क , चिह्न
    jajbaat भावना , अनुभूति
    mahool परिवेश , वातावरण ,
    स्थिति
    badmash धूर्त , दुष्ट , नीच , क्रूर
    reachable accessible अप्राप्यम् , अभिगम्य ,
    गम्य
    haalaki bavjood तथापि , पश्चात , उपरांत
    bajaay अपेक्षया , तत्स्थाने
    haaliya taaja सद्यस्क , नवीनतम ,
    नवीन , नया
    behas तर्क वितर्क
    taiyaar taiyaari उद्यतां , उद्यत , तत्पर
    accent lehjaa उच्चारण
    almaari कपाटिका , काष्ठमंजूषा
    jang lagna अयोमलम्
    jakhm व्रणम् , क्षत
    aadat प्रवत्ति , स्वभाव
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